Civil

Asked in Family

  • ***a

    Renigunta

Expert's Answers(2)

  • Advocate Vivek Pal Tiger

    Allahabad, Uttar Pradesh
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    गोद लेने-देने के नियम- 1956 में हिंदू अडॉप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट बना। गोद संबंधी नियम और प्रक्रिया इसी में बताई गई है। - कानूनी जानकार एडवोकेट विवेक पाल "टाइगर" के मुताबिक, कोई बालिग और दिमागी रूप से तंदरुस्त शख्स ही बच्चा गोद ले सकता है। - शादीशुदा कपल तो गोद ले ही सकते हैं, अगर शादीशुदा नहीं हैं तो भी बच्चा गोद ले सकते हैं। - अगर कोई पुरुष किसी बच्ची को गोद लेना चाहता है तो दोनों की उम्र में 21 साल का फर्क होना चाहिए। - यही नियम महिलाओं के लिए भी है। महिला अगर किसी लड़के को गोद ले रही है, तो उन दोनों के बीच भी 21 साल का फर्क होना जरूरी है। - अगर किसी के बेटा या पोता है, तो वह लड़का गोद नहीं ले सकता। - अगर किसी की बेटी है, पोती है या बेटी मर चुकी है, लेकिन उसकी बेटी (नातिन) है तो भी वह लड़की गोद नहीं ले सकता। - नैचरल पैरंट्स को यह हक है कि वे आपसी सहमति से अपने बच्चे को किसी और को गोद दे सकते हैं। अगर मां या बाप में से किसी एक को भी ऐतराज होगा, तो बच्चे को गोद नहीं दिया जा सकता। - उसी बच्चे को गोद दिया जा सकता है, जिसे पहले किसी और को गोद न दिया गया हो। - गोद दिए जाने के वक्त बच्चे की उम्र

    July 6, 2018
  • Advocate N Karthikkanna

    Madurai, Tamil Nadu
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    It's not lawful and unethical practice for doctors.. u r tender aged, Just postpone your momentary passion for a while.. Merupu Kalalu..

    June 30, 2018