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यदि कोई अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤° को पंजीकृत खत से विकà¥à¤°à¤® करता है ,किनà¥à¤¤à¥ उनके नाम का नामांतरण नहीं खà¥à¤²à¤¤à¤¾ है ।अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति के काशà¥à¤¤à¤•à¤¾à¤° की मृतà¥à¤¯à¥ होने से उनके वारिसान पंचायत में नामांतरण तसà¥à¤¦à¥€à¤• करवाने के लिठजाते हैं ।पंचायत के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इस आधार पर नामांतरण खारिज कर दिया जाता है कि उसका पूरà¥à¤µ में विकà¥à¤°à¤® हो चà¥à¤•à¤¾ है ।जिसकी अपील शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¾à¤¨ उपखंड अधिकारी के यहां की जाती है । तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस आधार पर निरà¥à¤£à¤¯ दिया कि à¤à¤• बार à¤à¥‚मि विकà¥à¤°à¤¯ होने के कारण उसके परिवार के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ,वारिसान अधिकारी नहीं बनते हैं अतः इस à¤à¥‚मि को बिलानााम किठजाने के आदेश दिठजाते हैं । à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में इस निरà¥à¤£à¤¯ की अपील कौन से नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में की जा सकती है। यह निरà¥à¤£à¤¯ शिविरों के दौरान लोक अदालत में लिया गया है , जिसकी अपील किस नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में की जा सकती है ।इस समय को करीब डेढ़ वरà¥à¤· हो चà¥à¤•à¤¾ है।